डेली रूटीन में हम नेटवर्क शब्द सुनते ही है, आखिर ये नेटवर्क क्या है, इसके प्रकार कितने है इन सभी के बारे में हम इस आर्टिकल में जानेंगे।
जब इंसानी दिमाग का विकास होने लगा तब यह शब्द प्रचलित हुआ लेकिन आपको जान के हैरानी होगी की असल में नेटवर्किंग की शुरुवात प्राचीन काल से ही होगयी थी। प्राचीन काल में लोग एक दूसरे को कोई भी प्रकार का सन्देश भेजने के लिए खुद से ही जाते थे।
लेकिन उस टाइम सन्देश भेजना आज के टाइम जितना आसान नहीं था लोग खुद चल कर सन्देश पहुंचाते थे जिसके वजह से सन्देश पहुंचाने में बहोत ज्यादा टाइम लग जाता था
और जो व्यक्ति सन्देश पहुँचता था उसे भी काफी मुश्किलियो का सामना करना पड़ता था। नेटवर्किंग को अगर आसान भाषा में समजा जाए तो कोई भी इनफार्मेशन को एक जगह से दूसरी जगह पर पहुँचाना एक्सेस करना।
नेटवर्क क्या है

अभी आपके मन में सवाल उठ रहा होगा की कम्प्यूटर नेटवर्किंग क्या है? नेटवर्किंग की डेफिनेशन को अगर हम सरल भाषा में समझें तो जब एक से ज्यादा कम्प्यूटर को जब एक दूसरे से जोड़ा जाता है इनफार्मेशन को शेयर करने के लिए तो उसे नेटवर्किंग कहा जाता है। कम्प्यूटर नेटवर्किंग को दो प्रकार से संस्थापित किया जाता है wire और wireless.
Wire नेटवर्किंग की बात करे तो इसमें twisted pair cable, Coaxial cable और Fiber Optics Cable का समावेश होता है, wireless नेटवर्किंग की बात करे तो इसमें Radio Wave, Bluetooth, Infrared, Satellite इन सभी का समावेश होता है।
कोई भी नेटवर्क एक से ज्यादा कम्प्यूटर, servers, Mainframe, Network Devices का collection होता है। जिसमे सभी का प्रकार के इनफार्मेशन यानि की data शेयरिंग का काम होता है।
नेटवर्क का सबसे प्रसिद्ध उदाहरण की बात करे तो वह है इंटरनेट, जिसकी मदद से लाखो लोग एक दूसरे से जुड़ते है अपनी इनफार्मेशन शेयर करते है। नेटवर्किंग के लिए अलग अलग प्रकार के डिवाइस का इस्तेमाल होता है जैसे की Hub, Switch, Modem,राऊटर इत्यादि।
अभी आपके जानकारी के लिए आपको बता दे की नेटवर्किंग में जुड़े हर एक कम्प्यूटर को node कहते है। नेटवर्किंग में हम data शेयरिंग के साथ साथ रिसोर्स sharing भी करते है.
जैसे की अगर हम साइबर कैफ़े जाते है तो हमें वह पर प्रिंटर, फैक्स मशीन, स्कैनर्स कम्प्यूटर के साथ जुड़े हुए रहते है data को share करने के लिए उसे भी एक प्रकार का नेटवर्क कहा जाता है।
हम सभी ने साइबर कैफ़े और स्टेशनरी शॉप में प्रिंटर तो देखे ही होंगे वह प्रिंटर एक कम्प्यूटर के जरिये कनेक्टेड होते है जिसकी मदद से हम कम्प्यूटर में स्थित कोई भी इनफार्मेशन को physically प्रिंट आउट निकाल सकते है
देखा जाए तो हम नेटवर्किंग की मदद से यहाँ पर रिसोर्स को share करते है मतलब की प्रिंटर को share करते है जिसे resource sharing कहा जाता है।
दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क इंटरनेट है, जिसकी मदद से हम रोज कुछ ना कुछ share करते है, हम सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म use करते है जैसे की WhatsaApp, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम इत्यादि यह सब पर डाटा share कर पाना नेटवर्किंग से मुमकिन हो पाया है।
नेटवर्क का इतिहास
दुनिया में जितनी भी चीजे अस्तित्व में आयी है उन सभी का अपना अपना इतिहास है, वैसे ही नेटवर्किंग का भी इतिहास है। नेटवर्किंग का जन्म तो कई साल पहले ही हो गया था 1967 से 1970 के साल में। जिसका नाम था ARPANET (Advance Research Project Agency Network).
शुरुवात में नेटवर्किंग का main मकसद सिर्फ टर्मिनल्स और रिमोट जॉब एंट्री स्टेशन को mainframe से जोड़ने तक था। लेकिन जब ARPANET अस्तित्व में आया तब रिसोर्स शेयरिंग का concept का ईजाद हुआ।
ARPANET का जब ईजाद हुआ तब वह बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध था ही साथ ही में वह ज्यादा भरोसेमंद था, क्यों की यह नेटवर्क circuit Switching का इस्तेमाल करने के बजाय PACKET Switching का इस्तेमाल करता था।
ARPANET नेटवर्क का उपयोग अमेरिका के डिफेन्स डिपार्टमेंट भी किया जाने लगा ताकि कोई भी सीक्रेट मैसेज को सेक्रेटली भेजा जा सके।
इसके अलावा ARPANET का उपयोग US में सभी यूनिवर्सिटी को जोड़ने के लिए, उपयोग किया जाने लगा तथा इसे बड़े बड़े उद्योगपति भी इस्तेमाल करने लगे। समय के साथ इसमें ज्यादा डेवलोपमेन्ट किया गया आज इसे लोग इंटरनेट के नाम से जानते है।
कंप्यूटर नेटवर्किंग की आवश्यकता क्यों पड़ी
आज के टेक्नोलॉजी दुनिया में sharing एक अविभाज्य अंग बन चूका है, बिज़नेस से लेकर हर प्रकार की एक्टिविटी में data shating का उपयोग किया जाता है। sharing कम्प्यूटर नेटवर्किंग की मदद से किया जाता है
कम्प्यूटर नेटवर्किंग के लिए एक से ज्यादा कम्प्यूटर को लिंक करके data और रिसोर्स को share किया जाता है। यहाँ हम देखेंगे की हमें किस कारण से कम्प्यूटर नेटवर्किंग की आवश्यकता पड़ी।
- कम्प्यूटर फाइल्स को share करने के लिए
नेटवर्क यूजर को फाइल share करने में मदद करता है जैसे की कॉर्पोरेट कम्पनी में एक फाइल को multiple branches द्वारा share किया जाता है जिससे एक फाइल को मल्टीपल यूजर use कर सकते है।
- कम्प्यूटर Equipment को Share करने के लिए
बड़े बड़े प्रिंटर, ज्यादा मेमोरी वाली हार्ड डिस्क बहुत ज्यादा मेहेंगे होती है इसीलिए ऐसे कम्प्यूटर इक्विपमेंट के लिए नेटवर्किंग की मदद से लिंक किया जाता है ताकि एक से ज्यादा यूजर इन इक्विपमेंट का उपयोग कर सके।
- कम्युनिकेशन स्पीड और एक्यूरेसी को बढ़ाने के लिए
नेटवर्किंग की मदद से हम सभी कोई भी इम्पोर्टेन्ट मैसेज को तुरंत कुछ ही सेकंड में भेज सकते है बिना किसी रूकावट के, और साथ ही में नेटवर्किंग के माध्यम से भेजे जाने वाले मैसेज की गुम होने संभावना भी कम होती है।
- डेटा ट्रांसफर की कॉस्ट को कम करने के लिए
नेटवर्क के द्वारा भेजे गए data ट्रांसफरिंग का कॉस्ट बाकि अन्य डेटा ट्रांसफरिंग के मुकाबले कम होता है।
Network में इस्तेमाल होने वाली Devices
कम्प्यूटर नेटवर्किंग एक से ज्यादा कम्प्यूटर को अलग अलग प्रकार के डिवाइस के साथ जोड़ा जाता है जिसमे लाखो data लगातार अनगिनत बार ट्रांसफर होता रहता है।
नेटवर्क संस्थापित करने के लिए कम्प्यूटर को LAN से जोड़ने के लिए HUB, Repeater, Switch, Router, Modem, Bridge जैसे डिवाइस की जरुरत होती है
इनके मदद से ही आप कम्प्यूटर नेटवर्क संस्थापित कर सकते है। नेटवर्क में इस्तेमाल होने वाली devices के बारे में हम विस्तार से जानेंगे।
HUB
यह एक प्रकार की बेसिक नेटवर्किंग डिवाइस है, यह फिजिकल लेयर में काम करती है, कम्प्यूटर नेटवर्किंग में जहा पर भी twisted pair केबल का इस्तेमाल किया जाता है वह पर यह डिवाइस का उपयोग होता है।
इस डिवाइस की खासियत यह है की इसमें बिना कोई चेंज किये Data Packet को दूसरे डिवाइस तक ट्रासंफर किया जाता है।
और साथ ही में यह डिवाइस बिना कोई सुचना के data packet सारे डिवाइस को ट्रांसमिट कर देता है। HUB दो प्रकार के होते है Active Hub और Passive Hub.
Switch
Switch भी फिजिकल लेयर पर काम करती है लेकिन यह hub से ज्यादा inteligent होता है, अगर दोनों में comparison किया जाये तो hub bus data packet को फॉरवर्ड तो करता है
लेकिन switch डाटा पैकेट को फॉरवर्ड के साथ साथ उसको फ़िल्टर भी करता है इसलिए उसको inteligent माना जाता है।
स्विच जभी भी कोई डाटा पैकेट को प्राप्त करता है तो वह फ़िल्टर करके डाटा जहा से प्राप्त हुआ है उसका एड्रेस का पता लगाता है। जिसके वजह से स्विच Content Addressable Memory टेबल को मैंटेन करके रखता है। जिसमे हर एक डिवाइस का एड्रेस रहता है।
Modem
आज के इंटरनेट की दुनिया में मॉडेम हर कोई इस्तेमाल करता है, आज कल हम सभी इंटरनेट का इस्तेमाल करते है और उसकी वजह से हम बहार का डाटा इंटरनेट की मदद से प्राप्त करते है।
लेकिन कम्प्यूटर जो है वह डिजिटल लैंग्वेज को ही समझता है, जैसे की बाइनरी लैंग्वेज 0,1. कम्प्यूटर को डाटा जो हो वह एनालॉग सिंग्नल के फॉर्म में प्राप्त होता है।
मॉडेम मॉडुलर और डी-मॉडुलर से बना हुआ डिवाइस है, अगर example के तौर से समजा जाये तो हम कम्प्यूटर में जो भी काम करते है वह सभी काम डिजिटल फॉर्म होता है
अब वह डाटा अगर हमें कोई और कम्प्यूटर या डिवाइस में भेजना हो तो हम केबल use करते है, केबल क्या करता है की डिजिटल डाटा को एनालॉग में कन्वर्ट करता है।
और यह काम मॉडुलर करता है। और जब केबल वह डिजिटल डाटा कम्प्यूटर में भेजता है तब वह फिर से एनालॉग में कन्वर्ट करता है जो काम डी-मॉडुलर करता है।
Router
राऊटर, हम सभी अपने घर और ऑफिस में इंटरनेट का उपयोग करने के लिए करते है, राऊटर का काम दो नेटवर्क के बिच के ट्रैफिक को कण्ट्रोल करना होता है। यह डिवाइस दो नेटवर्क को आपस में वायर और वायरलेस माध्यम से जोड़ता है।
Bridge
जैसे राऊटर का काम दो नेटवर्क को जोड़ने का रहता है वैसे हे ब्रिज दो sub नेटवर्क को कनेक्ट करता है, जो की एक ही नेटवर्क के होते है।
नेटवर्क कितने प्रकार के होते हैं
कम्प्यूटर नेटवर्क के मुख्य तीन प्रकार है:
- लोकल एरिया नेटवर्क (LAN)
- वाइड एरिया नेटवर्क (WAN)
- Metropolitan Area Network (MAN)
इसके अलावा पर्सनल एरिया नेटवर्क (PAN), होम एरिया नेटवर्क (HAN).
Local area network (LAN)
Lan का उपयोग College, School, Business Organisation. resource sharing, data storage, document printing इन सभी जगह पर किया जाता है।
इस नेटवर्क को बनाने के लिए आपको hub, switch, network adapter, router और Ethernet cable की जरुरत होती है। अगर सबसे छोटे LAN नेटवर्क की बात करे तो यह दो कम्प्यूटर से बनता है
वाइड रेंज की अगर हम बात करे तो एक LAN नेटवर्क में तक़रीबन 1000 कम्प्यूटर को एक दूसरे से जोड़ा जाता है। वैसे LAN कनेक्शन जो वायर के जरिये कनेक्ट किया जाता है लेकिन आज के टाइम में यह वायरलेस नेटवर्किंग में भी इस्तेमाल किये जाते है।
Lan नेटवर्क की खासियत यह है की इसमें कम खर्चा होता है और इसमें ithernet केबल का इस्तेमाल किया जाता है। कोई भी ऑफिस या फिर डॉक्यूमेंट प्रिंटिंग sharing के लिए यह सबसे बेस्ट नेटवर्क है।
Metropolitan Area Network (MAN)
MAN यह LAN से बड़ा नेटवर्क है, पुरे शहर को जोड़ने के लिए इस नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे की कॉलेजेस, ऑफिस, goverment ऑफिस, इन सभी को Man नेटवर्क के जरिये कनेक्ट किया जाता है।
Man नेटवर्क की रेंज की अगर हम बात करे तो यह 10 से लेकर 100 किलोमीटर तक की रेंज को कवर कर सकता है। multiple LAN नेटवर्क को एक साथ जोड़े रखने के लिए भी इस नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता है।
इस नेटवर्क को एस्टब्लिश करने के लिए ज्यादा खर्चा होता है, तथा geographical एरिया में इसका नेटवर्क लिमिटेड रहता है। इस नेटवर्क को पब्लिक और प्राइवेट ओनरशिप होती है।
Wide Area Network (WAN)
यह Lan और Man से भी बड़ा नेटवर्क है, यह पूरी दुनिया के कम्प्यूटर को कनेक्ट करके रखता है, इस नेटवर्क की खासियत यह है कि इसमें डाटा रेट low रहता है
लेकिन यह सबसे ज्यादा range कवर करता है LAN और MAN के मुकाबले। इसका एक बेस्ट example अगर हम ले तो वह है इंटरनेट।
WAN के दो प्रकार के है: 1. Enterprise WAN और 2. Global WAN
वाइड एरिया नेटवर्क, वाइड एरिया नेटवर्क में कनेक्ट होने वाले ज्यादा तर कम्प्यूटर public नेटवर्क का इस्तेमाल करते है।
वाइड एरिया नेटवर्क में public packet network, Large Corporate network, Military networks, Banking networks, railway reservation network, और Airline Reservation network जैसे नेटवर्क का समावेश होता है।
वाइड एरिया नेटवर्क सबसे मेहेंगा नेटवर्क है क्यों की इसमें SONET, और Framerelay टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है।
कंप्यूटर नेटवर्क के लाभ
नेटवर्किंग के बहुत ही फायदे हैं जो कि निम्नलिखित हैं:
- मॉडर्न कम्प्यूटर नेटवर्क इस्तेमाल करने के लिए एकदम आसान होते है, अगर यूजर एक बच्चा है तथा कोई एडल्ट व्यक्ति है जो टेक्नोलॉजी के बारे में कुछ भी नहीं जानता वह व्यक्ति भी कम्प्यूटर नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकते है।
- कम्प्यूटर नेटवर्क प्रत्येक यूजर को flexiblity प्रदान करते है मतलब की कोई भी यूजर अपने requirements के हिसाब से अलग अलग प्रकार के चीजों को एक्स्प्लोर कर सकते है।
- कम्प्यूटर नेटवर्क का main मकसद यूजर के बिच रिसोर्स को share करना है, जैसे की आप प्रिंटर्स,स्कैनर्स,फोटोकॉपी मशीन इत्यादि इन सभी का इस्तेमाल आप सभी कर सकते है।
- कम्प्यूटर नेटवर्क कनेक्टिविटी के मामले में user के लोकेशन की परवाह किये बिना यूजर को बेहतर कनेक्शन प्रदान करता है।
- आर्गेनाइजेशन और बड़ी बड़ी companies के पास डेटा की भरमार होती है इसीलिए वे इन डेटा को सेंट्रल सर्वर में सेव रखते है ताकि कम्पनी के employee उन डाटा को use कर सके। इसका फायदा यह होता है की एक से ज्यादा employee एक ही टाइम same डेटा एक्सेस कर सकते है।
- कम्प्यूटर नेटवर्क को ID और पासवर्ड से सिक्योर किया जाता है, अगर कोई भी यूजर को डाटा एक्सेस करना है तो उसको इन id, पासवर्ड की जरुरत पड़ेगी।
- नेटवर्किंग की मदद से आज हम फ़ोन कॉल कर पाते है, वीडियो कॉल कर पाते है दुनिये के कोई भी व्यक्ति के साथ हम बिना किसी परेशानी के कनेक्ट हो सकते है, डेटा share कर सकते है।
- Cost एक इम्पोर्टेन्ट फैक्टर है इस प्रकार की टेक्नोलॉजी में सर्वर की मदद से सभी डेटा को एक ही स्थान पर स्टोर करके रखा जाता है जिस से स्टोरेज expence कम हो जाता है।
कंप्यूटर नेटवर्क की हानियाँ
कंप्यूटर नेटवर्क की हानि भी कुछ होती हैं जोकि निम्नलिखित हैं:
- कम्प्यूटर नेटवर्क main सर्वर पर काम करता है जिसे सेंट्रल सर्वर कहते है, अगर सेंट्रल सर्वर में कोई भी प्रकार की खामी आती है अथवा तो कोई नुकसान हो जाता है तो उसकी वजह से जितने भी कम्प्यूटर उस नेटवर्क से कनेक्टेड है वह सारे सिस्टम भी malfunction करना शुरू होजाएंगे, यह एक मेजर इशू है सिंगल सर्वर पर डिपेंड रहना।
- नेटवर्किंग में एक से ज्यादा कम्प्यूटर एक दूसरे से जुड़े हुए रहते है इसीलिए इनमे वायरस का खतरा बना रहता है।
- कम्प्यूटर नेटवर्क सेंट्रल सर्वर पर काम करता है इसीलिए इसमें डाटा को एक्सेस करने के मामले में कोई भी यूजर स्वतंत्रता पूर्ण काम नहीं कर सकता है।
- कम्प्यूटर नेटवर्क यूजर को गेमिंग, मूवी,,मनोरंजन से जुडी सभी सेवाएं प्रदान करता है जिसके वजहसे कोई भी user इसके आदी बन सकता है, और उसे आँखों में दर्द, शरीर में खिचाव जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
नेटवर्क का उपयोग
कंप्यूटर नेटवर्क के अलग अलग क्षेत्र में उपयोग किया जाता है जोकि निम्नलिखित है:
- टेक्नोलॉजी के इस दौर में कम्प्यूटर नेटवर्क का उपयोग हर क्षेत्र में किया जाता है जैसे की education, बिज़नेस, टेक्नोलॉजी, स्पोर्ट्स, एंटरटेनमेंट इत्यादि। Ecommerce क्षेत्र की अगर हम बात करे तो आज के टाइम लोग घर बैठे बैठे की भी प्रकार का सामन खरीद या बेच सकते है।
- कम्युनिकेशन क्षेत्र में आज हर इंसान घर पर बैठे दुनिया के कोई भी जगह पर बैठे इंसान से ईमेल,वीडियो कॉल्स, कर सकते है तथा कोई भी प्रकार का फाइल ट्रांसफर कर सकते है।
- गेमिंग फील्ड की अगर हम बात करे तो आज लोग घर पर बैठे बैठे गेम स्ट्रीमिंग करते है और लाखो रुपये कमाते है।
- एजुकेशन फील्ड में नेटवर्किंग ने एक इम्पोर्टेन्ट किरदार निभाया है, पेंडेमिक के टाइम पर जब पूरा देश घर पर बैठा था तब नेटवर्किंग की मदद से लोग घर से अपना काम कर रहे थे, स्टूडेंट्स घर पर अपना education प्राप्त कर रहे थे। इस तरह हर जगह पर नेटवर्किंग का उपयोग किया जाता है।
Conclusion
आज के टेक्नोलॉजी वर्ल्ड में हर इंसान नेटवर्किंग से घिरा हुआ है इसीलिए आपको नेटवर्किंग के बारे में जानकारी होना आवश्यक है. आज के इस आर्टिकल में हमने जाना की नेटवर्किंग क्या है, नेटवर्किंग का इतिहास, नेटवर्क के इस्तेमाल होनेवाली डिवाइस, नेटवर्किंग के कितने प्रकार होते है.नेटवर्किंग की मदद से आज आप इस ब्लॉग को पढ़ पा रहे है। यह पोस्ट से अगर आपके ज्ञान में बढ़ोतरी हुई हो तो कमेंट करके आप बता सकते है। .
FAQs:
प्रश्न 1: विश्व का सबसे बड़ा कम्प्यूटर नेटवर्क क्या है?
उत्तर: विश्व का सबसे बड़ा नेटवर्क इंटरनेट है।
प्रश्न 2: विश्व के प्रथम कंप्यूटर नेटवर्क का नाम क्या है?
उत्तर: विश्व का प्रथम कम्प्यूटर नेटवर्क ARPANET था।